10 वीं लोकभारती

10 वीं लोकभारती

पहली इकाई
१.१ भारत महिमा - जयशंकर प्रसाद - विधा : कविता
१.२ लक्ष्मी - गुरुबचन सिंह - संवादात्मक कहानी  - गुरुबचन सिंह की प्रतिनिधिक कहानी पढ़े
१.३ वाह  रे ! हमदर्द - घनश्याम अग्रवाल - हास्य-व्यंग्य निबंध
१.४ मन (पूरक पठन) - विकास परिहार - हाइकु
१.५ गोवा : जैसे मैंने देखा - विनय शर्मा - यात्रा वर्णन
१.६ गिरिधर नागर - मीराबाई - पद
१.७ खुला आकाश (पूरक पठन) - कुँवर नारायण - डायरी अंश
१.८ गजल - माणिक वर्मा - गजल
१.९ रीढ़ की हड्डी - जगदीश्वरचंद्र माथुर - एकांकी
१.१० ठेस (पूरक पठन) - फणीश्वरनाथ रेणु - आंचलिक कहानी
१.११ कृषक गान - दिनेश भारद्वाज - गीत

 दूसरी  इकाई
२.१ बरषहिं जलद - गोस्वामी तुलसीदास - महाकाव्य अंश
२.२ दो लघुकथाएँ (पूरक पठन) - नरेंद्र छाबड़ा - लघुकथा
२.३ श्रम साधना - श्रीकृष्णदास जाजू - वैचारिक निबंध
२.४ छापा - ओमप्रकाश आदित्य - हास्य-व्यंग्य कविता
२.५ ईमानदारी की प्रतिमूर्ति - सुनील शास्त्री - संस्मरण
२.६ हम इस धरती  संतति हैं (पूरक पठन) - उमाकांत मालवीय - कव्वाली
२.७  आश्रम - काका कालेलकर - पत्र
२.८ अपनी गंध नहीं बेचूँगा - बालकवि बैरागी - गीत
२.९ जब तक जिंदा रहूँ, लिखता रहूँ - विश्वनाथ प्रसाद तिवारी
२.१० बूढ़ी काकी (पूरक पठन) - प्रेमचंद - वर्णनात्मक कहानी
२.११ समता की ओर - मुकुटधर पांडेय - नई कविता

व्याकरण

उपयोजित लेखन

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